Thursday, November 30, 2006

सब्र

सब्र वह जाम है जिसे पीना है मुश्किल
किये बगैर सब्र जीना है मुश्किल


** रचना सागर **

Wednesday, November 29, 2006

सच

हर ख्वाब की ताबीर सच नही होती
सच होती है तकदीर
हर मोहब्बत सच नही होती


** रचना सागर **

प्यारे फूल

फूल फूल प्यारे फूल
कितने न्यारे प्यारे फूल
अपने आँगन में लगाओ
अपने बागों मे लगाओ
नन्हे प्यारे सुन्दर फूल
लाल, गुलाबी, नीले, पीले
है ये रंग बिरंगे फूल
कितने नाजुक कितने कोमल
है ये एक डाल के फूल
काँटों में भी हँसते फूल
फूल फूल प्यारे फूल
कितने न्यारे प्यारे फूल

** रचना सागर**
रचना तिथी : ०१.१०.१९९५

Tuesday, November 28, 2006

वो रात

अंधेरे रात मे चमकते जुगनू को देखा
ऐसा लगा मानो कवि की
सुन्दर कल्पना हो
छोटी सी परी की सुन्दर सी
उडान हो
मेरी बेटी की प्यारी मुस्कान
सी लगी वो रात

** रचना सागर **
रचना तिथी : २७.११.२००६

सच्चाई

कितनी थी सच्चाई उस ख्वाब मे
रब के बताने मे और आपके चले जाने मे


** रचना सागर **

ग़म

ग़म तो सभी देते है
ग़म मे साथ कम देते है


** रचना सागर **

अभिषेक सागर